धरौदी माइनर को भाखड़ा नहर से जुड़वाने के लिए ग्रामीणों का आमरण अनशन आज से शुरू
सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
प्रदेश के राज्यमंत्री कृष्ण बेदी द्वारा 11 गांवों के ग्रामीणों को सोमवार 29 जुलाई तक मुख्यमंत्री से बातचीत कर धरौदी माइनर का समाधान करवाने की बात कही थी, लेकिन राज्यमंत्री द्वारा कोई संदेश न आने के कारण ग्रामीणों ने मंगलवार 30 जुलाई को आमरण अनशन करने का ऐलान कर दिया। जिससे धरना तेजी का रूख पकड़ता नजर आ रहा है। वहीं जिला उपायुक्त डॉ. आदित्य दहिया ने धरना समाप्त करवाने के लिए कमेटी सदस्यो अमित धरौदी, यशपाल नैन, रविंद्र सरपंच हमीरगढ़, सतबीर बेलरखां को हरियल रैस्ट में बुलाया और उनके साथ बैठक की। जिला उपायुक्त ने कमेटी सदस्यों को कहा कि सरकार का धरौदी माइनर को लेकर रूख सकरात्मक है और सरकार 11 गांवों के ग्रामीणों को पीने और खेतों के लिए पानी देना चाहती है। इसके लिए सिंचाई विभाग को भी आदेश दिये हुए हैं और फाइल तैयार की गई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार नहीं चाहती, कोई भी ग्रामीण पानी के बिना प्यासा रहे, इसके लिए हर जलघर में पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाया जा रहा है। 11 गांवों में पीने का पानी पहुंचाने के लिए पाइप लाइनों द्वारा प्रोजेक्ट तैयार किया गया है, ताकि ग्रामीणों को शुद्ध व पर्याप्त मात्रा में पानी मिल सके। कमेटी सदस्यों ने कहा कि वे इस बारे में धरनास्थल पर बैैठे लोगों से बातचीत कर ही कुछ बता सकते हैं। लेकिन आमरण अनशन मंगलवार से ही शुरू हो जायेगा। जिला उपायुक्त डॉ. आदित्य दहिया ने कहा कि 31 जुलाई को धरनास्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों के बीच सरकार की बात रखेंगे और उनको उम्मीद है कि ग्रामीण पीने के पानी और खेतों की सिंचाई के लिए मिलने वाले पानी के लिए मान जायेंगे। इस मौके पर एसडीएम जयदीप कुमार, बीडीपओ राजेश टिवाणा, डीएसपी जगत सिंह, सीआइडी डीएसपी रविंद्र, तहसीलदार अजय कुमार आदि अधिकारी मौजूद थे।
आमरण अनशन पर ग्रामीण बैैठेंगे आज
धरना का मंच संचालन कर रहे रंगीराम धमतान ने कहा कि धरना देने के साथ-साथ ग्रामीणों का आमरण अनशन भी जारी रहेगा, इसके लिए ग्रामीण बुधवार 30 जुलाई को आमरण अनशन पर बैठैंगे। कालवन तपा प्रधान फकीरचंद ने कहा कि अगर सरकार ने 11 गांवों के ग्रामीणों की जल्द मांग नहीं मानी, तो वे किसी भी सूरत में सहन नहीं करेंगे। धरने को समर्थन देते हुए मौण खाप के प्रधान धूप सिंह ने कहा कि जो धरौदी माइनर संघर्ष समिति निर्णय लेगी, वे आगे आकर लड़ाई लड़ेंगे। भारतीय किसान यूनियन के मुख्य सचिव जियालाल ढुंढवा ने कहा कि कई दिन पहले लड़ाई लडऩे का फैसला लेना चाहिए था। वहीं होशियार ङ्क्षसह प्यौदा ने कहा कि अगर धरना लड़ाई नहीं लड़ सकता, तो कैथल जिला में लड़ाई लड़ेंगे।